वैली आफ असैसिन्स का सारांस
आसिफ Currimbhoy का नाटक वैली ऑफ़ असैसिन्स कश्मीर के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में रचित एक गहरी सामाजिक और मानसिक यात्रा है। यह नाटक कश्मीर के राजनीतिक संघर्ष, राष्ट्रीयता, हिंसा और व्यक्ति के नैतिक द्वंद्व पर आधारित है। नाटक का केंद्रीय विषय यह है कि जब राजनीति और हिंसा एक दूसरे से जुड़ी होती हैं, तो व्यक्ति की नैतिकता और मानवता किस हद तक प्रभावित होती है। कश्मीर की पृष्ठभूमि और ऐतिहासिक संदर्भ कश्मीर, जो भारतीय उपमहाद्वीप का एक संवेदनशील और विवादित क्षेत्र है, नाटक की पृष्ठभूमि के रूप में कार्य करता है। कश्मीर का स्थान भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का केंद्र है, जहां सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक मतभेदों के कारण लंबे समय से संघर्ष चल रहा है। नाटक 1947 में भारतीय स्वतंत्रता के बाद की स्थिति को चित्रित करता है, जब कश्मीर की स्थिति अनिश्चित थी और दोनों देशों के बीच युद्ध, विभाजन और तनाव की स्थिति बनी हुई थी। यह नाटक उस समय की राजनीतिक जटिलताओं और उनके व्यक्तियों पर प्रभाव को दिखाता है। कहानी का सारांश "वैली ऑफ़ असैसिन्स" का नायक बशीर है, जो एक युवा और जोशीला राष्...